अभी तक किसी को ये नहीं पता है कि ब्रेक्सिट आखिर होगा कैसे और बहुत संभव है कि अगले सप्ताह के अंत तक भी इस बारे में स्थिति पूरी तरह साफ न हो पाए। लेकिन इस मतदान से दो चीजें पता चल गई हैं, पहली ये कि टेरीजा मे की योजना का संसद में काफी हद तक विरोध हुआ है और दूसरा ये कि क्या उनके पास वैकल्पिक योजना भी है। लेकिन ये सब बातें समझने से पहले ब्रेक्डिट को समझना अधिक जरूरी है।
क्या है ब्रेक्जिट?
28 देशों की सदस्यता वाले यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर हो जाने को ब्रेक्जिट कहा जा रहा है। इसे दुनिया में ब्रेक्जिट का नाम दिया गया है। जो ब्रिटेन और एक्जिट दो शब्दों से मिलकर बना है। इस मुद्दे पर ब्रिटेन में पहला जनमत संग्रह 23 जून, 2016 को हुआ था। इसमें अधिकतर लोगों ने संघ से अलग होने के पक्ष में मतदान किया था। इसके बाद थेरेसा मे प्रधानमंत्री बनीं। अब ब्रिटेन 29 मार्च 2019 को यूरोपियन संघ से अलग होगा, लेकिन अगर संघ के सभी सदस्य इससे सहमत नहीं होते तो ये टल भी सकता है।
ये होगा असर
ब्रिटेन के इस फैसले का असर न केवल ब्रिटेन पर बल्कि भारत सहित दुनिया के बाकी देशों पर भी पड़ेगा। अगर ब्रिटेन यूरोपियन संघ से अलग हो जाता है तो पौंड गिर जाएगा जिससे डॉलर की मांग बढ़ेगी। इससे पेट्रोल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमत बढ़ जाएगी। वहीं भारत सबसे अधिक इसलिए प्रभावित होगा क्योंकि यूरोपियन संघ भारत के लिए सबसे बड़ा एक्सपोर्ट मार्केट है। भारत के आईटी सेक्टर की 16-18 फीसदी कमाई ब्रिटेन से ही होती है।
इसके अलावा एक दूसरा असर पड़ेगा लोगों की यात्राओं पर। यूरोपियन यूनियन में शामिल देश के नागरिक बिना वीजा के यूरोप के किसी भी देश में बेरोकटोक घूम सकते हैं। लेकिन इससे अलग होने के बाद ब्रिटेन के लोगों को यूरोप के देशों में यात्रा करने के लिए वीजा की आवश्यकता पड़ेगी। इसका सीधा असर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान झेलना पड़ा सकता है।